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27 Apr 2023 · 1 min read

मत बनो उल्लू

जाने कैसे उन्हें समझने में
तुमसे हो गई थी भूल
तुम उन्हें फूल समझते रहे
और वो तुम्हें अप्रैल फूल

हुआ क्यों ये तुम्हारे साथ ही
क्यों तुमने उसको दिल दिया
वो घूमती रही साथ तुम्हारे
लेकिन उसने तुम्हें बस बिल दिया

होता है कभी कभी ऐसा भी
जब मिल जाता है कोई खिलाड़ी तुम्हें
ख़ुद को समझते हो भाग्यशाली तुम
और वो समझता है अनाड़ी तुम्हें

तुम इंतज़ार करते हो उसका
वो किसी और के दिल में रहता है
आता है ज़रूर तुमसे मिलने भी वो
जब उसका टाइम पास नहीं होता है

दिखता है प्यार तुमको जिसमें
वो कभी उसको तुमसे नहीं होता
कभी ग़ौर करना मेरी बात पर तुम
वो कभी तुम्हारे लिए नहीं रोता

कब तक बनेगा बेवक़ूफ़ तू
कभी उससे पूछ कर तो देख
जान जाएगा, क्या है दिल में उसके
कभी आँखों में आँखें डाल कर तो देख

बन गये बहुत उल्लू अब तक तुम
अब और ख़ुद को बेवक़ूफ़ न बनाओ
है समय अभी भी, रहकर साथ उसके
खुद को तुम और उल्लू न बनाओ।

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