ईद की मुबारकबाद
मेरे महबूब मैं तुझसे वादा ए अदा करता हूँ..
सुबह तिलावत रात को तरावीह करता हूँ,
ना झूठ बोला, ना चुगली की,
ना चोरी की, ना सीनाजोरी की,
सुबह शहरी रात को इफ़्तार करता हूँ..
हर दिन रोजा रहकर
चाँद का दीदार करता हूँ
और तुझे मैं याद करता हूँ…
मेरे महबूब मैं तुझसे वादा ए अदा करता हूँ…