डॉ अरुण कुमार शास्त्री

डॉ अरुण कुमार शास्त्री
रास्ते सर होते देर कहाँ लगती है
कदमों में जिनके ज़ान होती है
उन्हें कोई मुश्किल कहाँ ठगती है
भरोसा कीजिये मालिक की रहमतों का
तक़दीर पलटने में सिर्फ़ आँख झपकती है
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
रास्ते सर होते देर कहाँ लगती है
कदमों में जिनके ज़ान होती है
उन्हें कोई मुश्किल कहाँ ठगती है
भरोसा कीजिये मालिक की रहमतों का
तक़दीर पलटने में सिर्फ़ आँख झपकती है