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15 Apr 2023 · 1 min read

तू क्यों रोता है

दिल मिलते हैं, बिछड़ जाते हैं
हम पैदा होते हैं, मर जाते हैं
कुछ तैर जाते हैं कुछ डूब जाते हैं
सब छूट जाता है जब चले जाते हैं

तू किस बात के लिए रोता है
कोई तुझसे भी ज़्यादा दुखी होता है

किसी को महलों में भी चैन नहीं
कोई है झोंपड़ी में भी सुखी
माँगकर खाने वाले को चिंता नहीं
क्यों धनवान रहता है दुखी

तू किस बात के लिए रोता है
कोई तुझसे भी ज़्यादा दुखी होता है

माना तेरे दुख बड़े हैं
लेकिन बता है कौन यहाँ सुखी
सबको अपने कर्मों का फल भोगना है
तू होता है क्यों इतना दुखी

तू किस बात के लिए रोता है
कोई तुझसे भी ज़्यादा दुखी होता है

है वो बहुत भूखा ख़ुद लेकिन
पिज़्ज़ा डिलीवर करने जा रहा है
रखकर ख़ुद को उसकी जगह तू सोच
क्या उसको मज़ा आ रहा है

तू किस बात के लिए रोता है
कोई तुझसे भी ज़्यादा दुखी होता है

अपने हैं, सपने हैं, सब तो है तेरे पास
उस अनाथ बच्चे को देख, क्या है उसके पास
बाँटकर देख कभी उसके दुख तू
ख़ुशी ख़ुद चलकर आ जाएगी तेरे पास

तू किस बात के लिए रोता है
कोई तुझसे भी ज़्यादा दुखी होता है।

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