Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Apr 2023 · 1 min read

*चलो टहलने चलें पार्क में, घर से सब नर-नारी【गीत】*

चलो टहलने चलें पार्क में, घर से सब नर-नारी【गीत】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
चलो टहलने चलें पार्क में ,घर से सब नर-नारी
(1)
मिले राह में जो भी उससे, राधे-राधे कहना
देखो आँको स्वच्छ वायु का, मस्ती भरकर बहना
दिए सलामत पैर हमें, प्रभु जी ! सौ-सौ आभारी
(2)
हरी घास पर चलने से, मन को खुराक मिल जाती
करो योग तो साँस संयमित, मर्यादा में आती
कुछ व्यायाम करो मिलजुल कर, आपस में सब जारी
(3)
छड़ी हाथ में लेकर जाओ ,यह रक्षक कहलाती
टोली कुत्तों वाली इसको, देख पास कब आती
तेज कदम से चलो मिटेगी, तन से हर बीमारी
(4)
जिनको आदत लग जाती है, रोज टहलने जाते
स्वर्ग-सरीखे पार्क मनोहर, सपनों में भी आते
सुबह नींद जब खुली, टहलने की करते तैयारी
चलो टहलने चलें पार्क में ,घर से सब नर-नारी
—————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
532 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
यूं तुम से कुछ कहना चाहता है कोई,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
समय की प्यारे बात निराली ।
समय की प्यारे बात निराली ।
Karuna Goswami
तन्हाई एक रूप अनेक
तन्हाई एक रूप अनेक
ओनिका सेतिया 'अनु '
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Omee Bhargava
सुकून की तलाश ने, प्रकृति की भाषा सिखा दी।
सुकून की तलाश ने, प्रकृति की भाषा सिखा दी।
श्याम सांवरा
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
Ajit Kumar "Karn"
जीवन का हिसाब
जीवन का हिसाब
Indu Singh
2122 1122 1122 22
2122 1122 1122 22
sushil yadav
सुखांत
सुखांत
Laxmi Narayan Gupta
3426⚘ *पूर्णिका* ⚘
3426⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
नवदुर्गा।
नवदुर्गा।
Acharya Rama Nand Mandal
सुख दुख तो मन के उपजाए
सुख दुख तो मन के उपजाए
Sanjay Narayan
वेदना की संवेदना
वेदना की संवेदना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
आंगन
आंगन
Sumangal Singh Sikarwar
मित्रता
मित्रता
Durgesh Bhatt
बिछड़कर मुझे
बिछड़कर मुझे
Dr fauzia Naseem shad
The Ghost Particle: Unlocking the Secrets of the Universe
The Ghost Particle: Unlocking the Secrets of the Universe
Shyam Sundar Subramanian
आजादी का शुभ दिन आज आया हैं
आजादी का शुभ दिन आज आया हैं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
प्रेम
प्रेम
Pushpa Tiwari
*घड़ी दिखाई (बाल कविता)*
*घड़ी दिखाई (बाल कविता)*
Ravi Prakash
मुकरीः हिन्दी साहित्य की रोचक काव्य विधा
मुकरीः हिन्दी साहित्य की रोचक काव्य विधा
अरशद रसूल बदायूंनी
भारतीय नारी
भारतीय नारी
Rambali Mishra
एक नज़्म _ माँ मुझमे बसी मेरी ,दिल माँ की दुआ है ,,
एक नज़्म _ माँ मुझमे बसी मेरी ,दिल माँ की दुआ है ,,
Neelofar Khan
इश्क़ की भूल
इश्क़ की भूल
seema sharma
पृथक- पृथक चूल्हे हुए,
पृथक- पृथक चूल्हे हुए,
sushil sarna
ख़ूबसूरती और सादगी के बीच का यह अंतर गहराई और दृष्टि में छिप
ख़ूबसूरती और सादगी के बीच का यह अंतर गहराई और दृष्टि में छिप
पूर्वार्थ
Remembering Gandhi
Remembering Gandhi
Chitra Bisht
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
Manisha Manjari
ग़ज़ल (रखो हौंसला फ़िर न डर है यहाँ)
ग़ज़ल (रखो हौंसला फ़िर न डर है यहाँ)
डॉक्टर रागिनी
#मंगलकामनाएं
#मंगलकामनाएं
*प्रणय प्रभात*
Loading...