Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2023 · 1 min read

प्यार लिक्खे खतों की इबारत हो तुम।

प्यार लिक्खे खतों की इबारत हो तुम।
सच बताऊं प्रखर की इबादत हो तुम।।

प्यार सच्चा किया झूँठ फिर भी लगा।
गर सजा हो मुकर्रर अदालत हो तुम।।

माना मुमकिन हमारा मिलन ना हुआ।
दिल से चाहा नहीं ये सदाकत हो तुम।।

अश्क शबनम हुए फिर छलक भी गए।
कुछ तरस ना दिखी वो अदावत हो तुम।।

प्यार कितना तुझे दिल ये करता सनम।
टूटे दिल के लिए बस हिफाज़त हो तुम।।

सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर ‘

1 Like · 388 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
View all

You may also like these posts

उम्र भर का सफ़र ज़रूर तय करुंगा,
उम्र भर का सफ़र ज़रूर तय करुंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Poetry Writing Challenge-3 Result
Poetry Writing Challenge-3 Result
Sahityapedia
"मेरे अल्फ़ाज़"
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा सप्तक. . . . विविध
दोहा सप्तक. . . . विविध
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तुम
तुम
Rekha khichi
मृत्यु : एक पहेली
मृत्यु : एक पहेली
ओनिका सेतिया 'अनु '
गीत- तेरा जो साथ मिल जाए...
गीत- तेरा जो साथ मिल जाए...
आर.एस. 'प्रीतम'
हमदर्द तुम्हारा
हमदर्द तुम्हारा
ललकार भारद्वाज
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
उफ़ ये गहराइयों के अंदर भी,
Dr fauzia Naseem shad
तोहर स्नेह
तोहर स्नेह
श्रीहर्ष आचार्य
विषय जल बचाओ।
विषय जल बचाओ।
Priya princess panwar
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
कितने बदल गये
कितने बदल गये
Suryakant Dwivedi
अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में
अपनी यादों को देखा गिरफ्तार मकड़ी के जाले में
Atul "Krishn"
नफ़्स
नफ़्स
निकेश कुमार ठाकुर
विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्
विनम्र भाव सभी के लिए मन में सदैव हो,पर घनिष्ठता सीमित व्यक्
Paras Nath Jha
संतुष्टि
संतुष्टि
Dr. Rajeev Jain
अब कौन रोज़ रोज़ ख़ुदा ढूंढे
अब कौन रोज़ रोज़ ख़ुदा ढूंढे
Ansh Srivastava
एक चुटकी सिन्दूर
एक चुटकी सिन्दूर
Dr. Mahesh Kumawat
4648.*पूर्णिका*
4648.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्पर्श
स्पर्श
Satish Srijan
#लघुकथा-
#लघुकथा-
*प्रणय प्रभात*
बस इतना-सा प्रेममय, हो जाना घनश्याम।
बस इतना-सा प्रेममय, हो जाना घनश्याम।
लक्ष्मी सिंह
अपना पद अउर कद के खयाल जरूर रहो
अपना पद अउर कद के खयाल जरूर रहो
अवध किशोर 'अवधू'
आए हैं रामजी
आए हैं रामजी
SURYA PRAKASH SHARMA
किरीट सवैया (शान्त रस)
किरीट सवैया (शान्त रस)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
"दोस्त और मुश्किल वक़्त"
Lohit Tamta
National Symbols of India
National Symbols of India
VINOD CHAUHAN
sp64 कविता की दुकान
sp64 कविता की दुकान
Manoj Shrivastava
Loading...