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7 Apr 2023 · 1 min read

*दफ्तर बाबू फाइलें,अफसर मालामाल 【हिंदी गजल/दोहा गीतिका】*

दफ्तर बाबू फाइलें,अफसर मालामाल 【हिंदी गजल/दोहा गीतिका】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
दफ्तर बाबू फाइलें, अफसर मालामाल
जिसने पैसे कम दिए ,उससे लाख सवाल
(2)
वजन रखा तो चल पड़ी ,फाइल का नित खेल
अपना काम निकालिए ,चल कर उल्टी चाल
(3)
बाबू चतुराई भरे ,अफसर पूरे घाघ
मंत्री जी आते नए ,सदा पाँचवें साल
(4)
नीति-नियम जो भी बने ,अफसर के अनुकूल
रहे बजाते रात – दिन , मंत्री जी बस गाल
(5)
नौकरशाही के मजे ,इनके हाथ नकेल
मंत्री जी को क्या पता ,जनता का क्या हाल
(6)
अनापत्ति संस्तुति नियम ,अनुमोदन दुःशब्द
अफसर-बाबू की गली , इनसे दलिया-दाल
(7)
हुए सिफारिश-पत्र के , दो कौड़ी के दाम
हर दफ्तर में नोट बस ,करता सिर्फ कमाल
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

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