Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2023 · 1 min read

करते प्रियजन जब विदा ,भर-भर आता नीर (कुंडलिया)*

करते प्रियजन जब विदा ,भर-भर आता नीर (कुंडलिया)*
________________________________
करते प्रियजन जब विदा ,भर-भर आता नीर
संबंधी क्या मित्र क्या , होते सभी अधीर
होते सभी अधीर , फूटकर दिखते रोते
जिनको प्रीति विशेष ,भीतरी सुध-बुध खोते
कहते रवि कविराय ,लोग जाने क्यों मरते
क्यों निर्मम भगवान , पाश क्यों बॉंधा करते
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
नीर = जल // पाश = बंधन
°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

1 Like · 1 Comment · 221 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

आए थे बनाने मनुष्य योनि में पूर्वजन्म की बिगड़ी।
आए थे बनाने मनुष्य योनि में पूर्वजन्म की बिगड़ी।
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल - बड़े लोगों की आदत है!
ग़ज़ल - बड़े लोगों की आदत है!
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
वोट डालने जाना है
वोट डालने जाना है
जगदीश शर्मा सहज
"देश-धरम"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ुमार है
ख़ुमार है
Dr fauzia Naseem shad
रिश्ते ऐसे बनाओं की छुपाना न पड़े।
रिश्ते ऐसे बनाओं की छुपाना न पड़े।
जय लगन कुमार हैप्पी
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
अप कितने भी बड़े अमीर सक्सेस हो जाओ आपके पास पैसा सक्सेस सब
पूर्वार्थ
चित्रकार
चित्रकार
विशाल शुक्ल
मदिरा
मदिरा
C S Santoshi
ज़िंदगी खूबसूरत है, इसे जी कर देखिए , गुरूर कभी काम नहीं आता
ज़िंदगी खूबसूरत है, इसे जी कर देखिए , गुरूर कभी काम नहीं आता
Neelofar Khan
आंतरिक विकाश कैसे लाए। - रविकेश झा
आंतरिक विकाश कैसे लाए। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
वोट डालने निश्चित जाना
वोट डालने निश्चित जाना
श्रीकृष्ण शुक्ल
आवारा बादल
आवारा बादल
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
*दुश्मन हिंदुस्तान के, घोर अराजक लोग (कुंडलिया)*
*दुश्मन हिंदुस्तान के, घोर अराजक लोग (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
🚩एकांत महान
🚩एकांत महान
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
किस क़दर तन्हा थी
किस क़दर तन्हा थी
हिमांशु Kulshrestha
खेल नहीं
खेल नहीं
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ठंडे गांव
ठंडे गांव
विजय कुमार नामदेव
मेरे स्वप्न में आकर खिलखिलाया न करो
मेरे स्वप्न में आकर खिलखिलाया न करो
Akash Agam
प्रायश्चित
प्रायश्चित
Shyam Sundar Subramanian
इस तरह कुछ लोग हमसे
इस तरह कुछ लोग हमसे
Anis Shah
ज़माने भर के तमाम नशे करके
ज़माने भर के तमाम नशे करके
शिव प्रताप लोधी
Good Morning
Good Morning
*प्रणय प्रभात*
बैंकर
बैंकर
Khajan Singh Nain
हमको मोहब्बत लगने लगी
हमको मोहब्बत लगने लगी
Jyoti Roshni
789Club là một trong những nền tảng cá cược trực tuyến hàng
789Club là một trong những nền tảng cá cược trực tuyến hàng
789clubshow
शिक्षा हर मानव का गहना है।
शिक्षा हर मानव का गहना है।
Ajit Kumar "Karn"
4132.💐 *पूर्णिका* 💐
4132.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इंसानियत का चिराग
इंसानियत का चिराग
Ritu Asooja
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Yogmaya Sharma
Loading...