Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2023 · 1 min read

मुस्कुराकर देखिए /

आपका
मनमीत हूँ मैं
मुस्कुराकर देखिए ।

आईए खुलकर हवा में,
फूल , पत्तों की सभा में,
डालियों पर हिल रहा जो,
फुनगियों पर खिल रहा,वो

पंछियों
का गीत हूँ मैं
गुनगुनाकर देखिए ।

खोलिए खिड़की जरा-सी,
भूलकर झिड़की जरा-सी,
आँख में है पल रही जो,
आ अधर पर,छल रही जो

वो हृदय
की प्रीत हूँ मै
गुदगुदाकर देखिए ।

घोंसले से निकल बाहर,
चूमिए नव-गगन सुन्दर,
आँख में जो कसमसाती,
पंख में जो फड़फड़ाती,

वो तुम्हारी
जीत हूँ मैं
थपथपाकर देखिए ।

आपका
मनमीत हूँ मैं
मुस्कुराकर देखिए ।
०००
—- ईश्वर दयाल गोस्वामी
छिरारी (रहली),सागर
मध्यप्रदेश-470227
मो.- 8463884927

Language: Hindi
Tag: गीत
6 Likes · 12 Comments · 598 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ईश्वर दयाल गोस्वामी
View all

You may also like these posts

तुम्हारा आना
तुम्हारा आना
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
Tryst
Tryst
Chaahat
ज़रूरी नहीं के मोहब्बत में हर कोई शायर बन जाए,
ज़रूरी नहीं के मोहब्बत में हर कोई शायर बन जाए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बहुत बे'चैन, बहुत
बहुत बे'चैन, बहुत
Dr fauzia Naseem shad
अकेलापन
अकेलापन
लक्ष्मी सिंह
परछाईयों की भी कद्र करता हूँ
परछाईयों की भी कद्र करता हूँ
VINOD CHAUHAN
रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी...
रास्तों को भी गुमनाम राहों का पता नहीं था, फिर भी...
manjula chauhan
फुर्सत नहीं है
फुर्सत नहीं है
Dr. Rajeev Jain
श्याम का लगा आज दरबार- भजन-रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
श्याम का लगा आज दरबार- भजन-रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
शराब की वज़ह से
शराब की वज़ह से
Shekhar Chandra Mitra
#बाउंसर :-
#बाउंसर :-
*प्रणय प्रभात*
4782.*पूर्णिका*
4782.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कितने लोग मिले थे, कितने बिछड़ गए ,
कितने लोग मिले थे, कितने बिछड़ गए ,
Neelofar Khan
-प्यार की बहार -
-प्यार की बहार -
bharat gehlot
मौसम बरसात की
मौसम बरसात की
जय लगन कुमार हैप्पी
आवारा परिंदा
आवारा परिंदा
साहित्य गौरव
🌹ढ़ूढ़ती हूँ अक्सर🌹
🌹ढ़ूढ़ती हूँ अक्सर🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
स्वर्णपरी🙏
स्वर्णपरी🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
माया प्रभु की
माया प्रभु की
Mahesh Jain 'Jyoti'
संवेदनाएँ
संवेदनाएँ
Saraswati Bajpai
उसे बुला कर देखें कई,मर्तबा
उसे बुला कर देखें कई,मर्तबा
Keshav kishor Kumar
कवि/लेखक- दुष्यन्त कुमार (सम्पूर्ण साहित्यिक परिचय)
कवि/लेखक- दुष्यन्त कुमार (सम्पूर्ण साहित्यिक परिचय)
Dushyant Kumar
हिंदी दोहे - सभा (दोहाकार- राजीव नामदेव राना लिधौरी)
हिंदी दोहे - सभा (दोहाकार- राजीव नामदेव राना लिधौरी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
घुटन
घुटन
Preksha mehta
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"आग और पानी"
Dr. Kishan tandon kranti
"स्वार्थी रिश्ते"
Ekta chitrangini
मन की परतों में छुपे ,
मन की परतों में छुपे ,
sushil sarna
आज का इन्सान हर *पहर* मर रहा है ।।
आज का इन्सान हर *पहर* मर रहा है ।।
अश्विनी (विप्र)
इच्छा.
इच्छा.
Heera S
Loading...