Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Mar 2023 · 1 min read

इतनी उदासी और न पक्षियों का घनेरा

इतनी उदासी और न पक्षियों का घनेरा
उदास है शाम या बना ही नहीं पाए बसेरा।

1 Like · 255 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

तेरी नाराजगी हमारे दिल को सताती है.
तेरी नाराजगी हमारे दिल को सताती है.
Pappu Kumar Shetty
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
फूल से कोमल मन
फूल से कोमल मन
Mahesh Tiwari 'Ayan'
20. The Future Poetry
20. The Future Poetry
Santosh Khanna (world record holder)
*दानवीर व्यापार-शिरोमणि, भामाशाह प्रणाम है (गीत)*
*दानवीर व्यापार-शिरोमणि, भामाशाह प्रणाम है (गीत)*
Ravi Prakash
जाने कितनी तपिश है सूरज में
जाने कितनी तपिश है सूरज में
Shweta Soni
हिन्दी
हिन्दी
Dr.Pratibha Prakash
वासना और करुणा
वासना और करुणा
मनोज कर्ण
वेयरहाउस में सड़ गया
वेयरहाउस में सड़ गया
Dhirendra Singh
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Dr. Kishan tandon kranti
अब युद्ध अनिवार्य है!
अब युद्ध अनिवार्य है!
Mahesh Ojha
राजे महाराजाओ की जागीर बदल दी हमने।
राजे महाराजाओ की जागीर बदल दी हमने।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
जितनी लंबी जबान है नेताओं की ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
डगर जिंदगी की
डगर जिंदगी की
Monika Yadav (Rachina)
पिता
पिता
GOVIND UIKEY
नव वर्ष की सच्चाई......
नव वर्ष की सच्चाई......
पूर्वार्थ देव
तू बदल गईलू
तू बदल गईलू
Shekhar Chandra Mitra
गुरू रहमत का गुलाब....
गुरू रहमत का गुलाब....
Dr .Shweta sood 'Madhu'
भले डगमगाओ /मगर पग बढ़ाओ
भले डगमगाओ /मगर पग बढ़ाओ
Dr Archana Gupta
झुक नहीं सकती
झुक नहीं सकती
surenderpal vaidya
आज़ मैंने फिर सादगी को बड़े क़रीब से देखा,
आज़ मैंने फिर सादगी को बड़े क़रीब से देखा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
खूब तमाशा हो रहा,
खूब तमाशा हो रहा,
sushil sarna
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
3901.💐 *पूर्णिका* 💐
3901.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ये साथ चलने के लिए निकले थे लोग कितने।
ये साथ चलने के लिए निकले थे लोग कितने।
Phool gufran
रामराज्य का आदर्श
रामराज्य का आदर्श
Sudhir srivastava
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Vijay kumar Pandey
आज विदा हो जाओगे तुम
आज विदा हो जाओगे तुम
Jitendra kumar
तरसता रहा
तरसता रहा
Dr fauzia Naseem shad
Loading...