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16 Mar 2023 · 1 min read

हर दुआ हमेशा और हर हाल में

हर दुआ हमेशा और हर हाल में
दुआ जैसी नहीं लगती।
वो कभी-कभी बद्दुआ सी भी
महसूस होने लगने लग जाती है।

★प्रणय प्रभात★

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