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5 Mar 2023 · 1 min read

जो भी आ जाएंगे निशाने में।

गज़ल

जो भी आ जाएंगे निशाने में।
सबको भेजेंगे जेल खाने में।

बाप दादा रहे कमाने में।
उनके बच्चे लगे उड़ानें में।

अब न बच पाएंगे लुटेरे वो,
जो अभी तक लगे कमाने में।

इश्क में दर्द भी लगे प्यारा,
लुत्फ़ आता है दिल जलाने में।

क़र्ज़ लेकर गुना’ह किया उसने,
जान देनी पड़ी चुकाने में।

डूबता है वो देखते हैं बहुत,
कोई उत्सुक नहीं बचाने में।

हर तरफ नफरतें दिखीं प्रेमी,
प्यार मिलता नहीं जमाने में।

…….✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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