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5 Mar 2023 · 1 min read

जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।

मुक्तक- उलझनें

जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
इनको सुलझाया,नहीं सुलझी कभी भी दोस्तो।
कुछ चुरा लो मस्तियां,गर चे कहीं मिल जाऍं ये,
जिंदगी की उलझनें, उलझी रहेंगी दोस्तों।

…….✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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