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3 Mar 2023 · 1 min read

आत्मविश्वास

निर्बल कायर ही का तो बाली आधा बल हर पाता है।
निर्भय निडर आत्मविश्वासी दुर्जन का वध कर पाता है।।
नहीं मिलेंगे कभी राह में अगणित कमल पुष्प दल।
कठिन राह पथरीली होगी चलना हो तो चल।।
सुख को तज कर कष्ट उठाता वही सफ़ल हो पाता है।
चातक पीता स्वाति का जल अपना धर्म निभाए।।
सागर रखता काबू में लहरें कश्ती नहीं डुबाए।
अनुशासन में रहने वाला अपना अस्तित्व बनाता है।।
माझी वही उतरता जल में जो तूफानों से लड़ना जानें।
लक्ष्य बनाकर चलने बाला कभी भला क्या रुकना जाने।।
दुविधा वान जगत में कब अपनी मंजिल पाता है।
दुर्बल कायर ही का तो बाली आधा वल हर पाता है।।
उमेश मेहरा (शिक्षक)
गाडरवारा (एम पी)
9479611151

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