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24 Feb 2023 · 1 min read

मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला

मुसलसल ठोकरो से मेरा रास्ता नहीं बदला
मुझे गिराने में जमाना बदला मैं नहीं बदला ,

मैं लोगों से कहता रहता था उसके बारे में
जी नहीं पाऊंगा वह शख्स अगर बदला !

कवि दीपक सरल

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