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23 Feb 2023 · 1 min read

इतनी फुर्सत है कहां, जो करते हम जाप

इतनी फुर्सत है कहां, जो करते हम जाप
अपने अपने कर्म हैं, अपने अपने ताप
देख ईश कहने लगे, सुन धरती का हाल
मुँह पर सबके राम है, मन में केवल पाप।

सूर्यकांत

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