Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Feb 2023 · 1 min read

. *विरोध*

“अम्मा जी! ननदोई जी के साथ हम होली नहीं खेलेंगे, उनके ढंग ठीक नहीं हैं।वो होली के बहाने इधर–उधर छूने लगते हैं!”
कहते–कहते शिप्रा का चेहरा क्रोध से भर गया ….
“देख बहू! तुम्हारे ननदोई बड़े आदमी हैं.. अगर जरा-बहुत हाथ लग भी जाए , तो इग्नोर कर दिया करो, ऐसी बातें कही नहीं जाती हैं , औरतों को थोड़ा सहनशील होना चाहिये।” अपने मुँह में पान की गिलौरी रखते हुए शिप्रा की सास ने जवाब दिया …

“नहीं दादी! अबकि अगर फूफा जी ने मम्मी को जरा भी रंग लगाया तो जान लेना …सलाद की जगह उनका हाथ काट डालूॅंगी और सबूत भी नहीं छोड़ूँगी! खबरदार ! जो किसी ने मेरी माँ की तरफ आँख भी उठाई तो।”

अपने हाथ से चाकू की धार को छूते हुए शिप्रा की बेटी, जो कि एक शेफ थी, बीच में बोल पड़ी …
एक चुभन भरा सन्नाटा चीख पड़ा।

रश्मि लहर

Language: Hindi
1 Like · 291 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्यार का नाम देते रहे जिसे हम अक्सर
प्यार का नाम देते रहे जिसे हम अक्सर
Swami Ganganiya
आओ दीप जलायें
आओ दीप जलायें
डॉ. शिव लहरी
मुझे आज फिर भूल
मुझे आज फिर भूल
RAMESH SHARMA
*कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)*
*कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)*
Ravi Prakash
'एक शहादत ये भी’
'एक शहादत ये भी’
Kshma Urmila
प्रेम कविता
प्रेम कविता
अंकित आजाद गुप्ता
ग़ज़ल _ अब दिल गूंजते हैं ।
ग़ज़ल _ अब दिल गूंजते हैं ।
Neelofar Khan
**कविता: आम आदमी की कहानी**
**कविता: आम आदमी की कहानी**
Dr Mukesh 'Aseemit'
"I'm someone who wouldn't mind spending all day alone.
पूर्वार्थ
■ दोहा देव दीवाली का।
■ दोहा देव दीवाली का।
*प्रणय*
sp 87 महाराज शिवाजी
sp 87 महाराज शिवाजी
Manoj Shrivastava
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
मेरा हर राज़ खोल सकता है
मेरा हर राज़ खोल सकता है
Shweta Soni
पटकथा
पटकथा
Mahender Singh
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
रंगमंच कलाकार तुलेंद्र यादव जीवन परिचय
Tulendra Yadav
* कुछ नहीं मिलता दिल लगाने से*
* कुछ नहीं मिलता दिल लगाने से*
Vaishaligoel
शोर
शोर
शशि कांत श्रीवास्तव
जो आता है मन में उसे लफ्जों से सजाती हूं,
जो आता है मन में उसे लफ्जों से सजाती हूं,
Jyoti Roshni
कहां से लाऊं शब्द वो
कहां से लाऊं शब्द वो
Seema gupta,Alwar
4722.*पूर्णिका*
4722.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
* तेरी आँखें *
* तेरी आँखें *
भूरचन्द जयपाल
दोहा पंचक. . . नारी
दोहा पंचक. . . नारी
sushil sarna
काशी विश्वनाथ।
काशी विश्वनाथ।
Dr Archana Gupta
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
खैर जाने दो छोड़ो ज़िक्र मौहब्बत का,
शेखर सिंह
सजग  निगाहें रखा करो  तुम बवाल होंगे।
सजग निगाहें रखा करो तुम बवाल होंगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नींद आती है सोने दो
नींद आती है सोने दो
Kavita Chouhan
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
बुंदेली दोहा-अनमने
बुंदेली दोहा-अनमने
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"हमें इश्क़ ना मिला"
राकेश चौरसिया
रात-दिन जो लगा रहता
रात-दिन जो लगा रहता
Dhirendra Singh
Loading...