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9 Feb 2023 · 1 min read

कैसे भुला पायेंगे

पता नहीं कब हम तुम्हें भुला पायेंगे।
दूर तक तुम बस मेरी सदा पाओगे।

बेचैन हसरतें ढूंढती है तुझे मेरी जाना।
बहुत करीब हो दिल के मैंने है माना।

मोहब्बत के लिए दुनिया क्यों तंग है?
भटकती सीने में फिर नयी तरंग है ।

मेरे हर सजदे में नयी एक दुआ पाओगे।
याद करो न करो,हमे न भूल पाओगे।

ज़िंदगी एक अंधा सा सफर है मेरे यारा
जिसे देख कर जीते हैं उसने ही हमें मारा।

सुरिंदर कौर

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