Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
4 Feb 2023 · 1 min read

■ तेवरी ? #ग़ज़ल

#तेवरी / देसी ग़ज़ल
■ बौने कितने बड़े हो गए।।
【प्रणय प्रभात】

★ सर पे चढ़ के खड़े हो गए।
बौने कितने बड़े हो गए।।

★ पानी रुका न आँसू ठहरा।
दिल सब चिकने घड़े हो गए।।

★ ऊपर से अंडों से सुंदर।
भीतर-भीतर सड़े हो गए।।

★ एक नहीं रह पाए हम सब।
देखो, कितने धड़े हो गए।।

★ उसने ज़रा चिरौरी क्या की।
इसके तेवर कड़े हो गए।।

Loading...