Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
3 Feb 2023 · 1 min read

*बुढ़ापा( हिंदी गजल/गीतिका )*

बुढ़ापा( हिंदी गजल/गीतिका )
———————————————-
(1)
नौजवानी से बुढ़ापा आ गया
खो दिया कुछ, या कहूँ कुछ पा गया
(2)
क्यों बुढ़ापे को न ताकतवर कहूँ
नौजवानी मारकर जो खा गया
(3)
वक्त बदला और फूलों से लदे
पेड़ पर देखो कि पतझड़ छा गया
(4)
रोग यों तो था मगर अच्छा लगा
याद से कड़वाहटें भुलवा गया
(5)
जो जवानी में नहीं थे साथ में
जब मिले अनुभव, बुढ़ापा भा गया
——————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99 97 61 545 1

Loading...