Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Feb 2023 · 1 min read

■ उल्लू छाप…बिचारे

■ मनहूसियत के मारे
【प्रणय प्रभात】
“जो हैं क़ाबिले-दीद नहीं।
उनसे कोई उम्मीद नहीं।।
उन्हें पसंद फ़क़त मातम।
दीवाली या ईद नहीं।।”
आज की यह चार पंक्तियाँ आदतन बेचारगी और स्वाभाविक लाचारगी के प्रतीकों के लिए हैं। जिन्हें सामाजिक सरोकारों से विमुख होने के कारण वैचारिक और व्यावहारिक असामाजिक
भी कहा जा सकता है। जो न घर के माने जा सकते हैं न घाट के।
इन्हें देख कर ही ज्ञान होता है कि उल्लू केवल शाखों पर नहीं, समाज में भी होते हैं। जिनके चेहरे पर हमेशा मातम की छाया दिखाई देती है। ख़ुशी के पल उन्हें नागवार होते हैं। ऐसे लोग किसी दीन-धरम के नहीं होते। न वर्तमान के लिहाज से और ना ही भविष्य के नज़रिए से।।

1 Like · 540 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

देख लेती जब, तेरी जानिब ,
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
Dr fauzia Naseem shad
आदमी और जीवन
आदमी और जीवन
RAMESH Kumar
एक  दूजे के जब  हम नहीं हो सके
एक दूजे के जब हम नहीं हो सके
Dr Archana Gupta
आवारा
आवारा
Shekhar Chandra Mitra
दादाजी ने कहा था
दादाजी ने कहा था
Shashi Mahajan
उर-ऑंगन के चॉंद तुम्हीं हो।
उर-ऑंगन के चॉंद तुम्हीं हो।
Pratibha Pandey
साल को बीतता देखना।
साल को बीतता देखना।
Brijpal Singh
ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं।
ठहरना मुझको आता नहीं, बहाव साथ ले जाता नहीं।
Manisha Manjari
जग जननी है जीवनदायनी
जग जननी है जीवनदायनी
Buddha Prakash
हो सके तो मीठा बोलना
हो सके तो मीठा बोलना
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
वक़्त के बारे में,एक कहावत मशहूर है,
वक़्त के बारे में,एक कहावत मशहूर है,
Mahesh Pushpad
कितने सावन बीत गए.. (सैनिक की पत्नी की मीठी मनुहार)
कितने सावन बीत गए.. (सैनिक की पत्नी की मीठी मनुहार)
पं अंजू पांडेय अश्रु
चौपाई छंद - माता पिता और हम
चौपाई छंद - माता पिता और हम
Sudhir srivastava
माँ.
माँ.
Heera S
"हमदर्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
हुआ जो मिलन, बाद मुद्दत्तों के, हम बिखर गए,
डी. के. निवातिया
अधूरी आस
अधूरी आस
Rambali Mishra
मेरे बिछड़े जीवन साथी ( एक फौजी की पत्नी के भाव )
मेरे बिछड़े जीवन साथी ( एक फौजी की पत्नी के भाव )
ओनिका सेतिया 'अनु '
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
पूर्वार्थ
4613.*पूर्णिका*
4613.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
लख-लख बधाई
लख-लख बधाई
*प्रणय प्रभात*
पेड़ों से अगर हमें वाई फाई सिग्नल मिलता तो हर घर के सामने हो
पेड़ों से अगर हमें वाई फाई सिग्नल मिलता तो हर घर के सामने हो
Ranjeet kumar patre
महामारी
महामारी
Khajan Singh Nain
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
क्या बिगाड़ लेगा कोई हमारा
VINOD CHAUHAN
एक श्वास पर खुद की भी अपना हक नहीं
एक श्वास पर खुद की भी अपना हक नहीं
Saraswati Bajpai
सदा साथ चलता है. . .
सदा साथ चलता है. . .
sushil sarna
⛪🕌🕍🛕🕋 तू ही मिल जाए मुझे बस इतना ही काफी है​, मेरी हर साँस ने बस ये ही दुआ माँगी है​, जाने क्यूँ दिल खिंचा जाता है तेरी तरफ​, क्या तूने भी मुझे पाने की दुआ माँगी है​। ⛪🕌🕍🛕🕋
⛪🕌🕍🛕🕋 तू ही मिल जाए मुझे बस इतना ही काफी है​, मेरी हर साँस ने बस ये ही दुआ माँगी है​, जाने क्यूँ दिल खिंचा जाता है तेरी तरफ​, क्या तूने भी मुझे पाने की दुआ माँगी है​। ⛪🕌🕍🛕🕋
Sageer AHAMAD
अंधकार फैला है इतना उजियारा सकुचाता है
अंधकार फैला है इतना उजियारा सकुचाता है
Shweta Soni
- अपनो की दिक्कते -
- अपनो की दिक्कते -
bharat gehlot
ग़ज़ल __ दुआ देने से दुनिया में, दुआएं कम नहीं होती।
ग़ज़ल __ दुआ देने से दुनिया में, दुआएं कम नहीं होती।
Neelofar Khan
Loading...