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29 Jan 2023 · 1 min read

सम्पूर्ण समर्पण🙏🏻🙏🏻

माना बदलाव जरूरी है।
परिवर्तन स्वभाविक है।
पर हमारे लगाव का क्या ?
जो होगा आप से उस अलगाव का क्या ?

क्या खोया, कैसे गिनवा पाएंगे ?
हीरे से अनमोल रत्नों के, प्रेम से वंचित रह जाएंगे।

अब कौन हेलमेट न पहनने पर, हमें सबक सिखाएगा ?

स्कूल के मुख्य द्वार पर खड़े रहकर, कौन फूलों सा मुस्काएगा।

भारत का मान बढ़ना है; बच्चों को भी भारतीय होने पर गर्व करना सिखलाना है।

अब कौन बच्चों से पहले,अध्यापकों को भी आभार व्यक्त करना
सिखलाएगा ?

एक- दो अध्यापकों की सेहत जरा सी ख़राब हो जाने पर स्कूल में कौन योग कक्षाएं लगवाएगा।

अब कौन हमारी तीन अच्छी बातें पढ़कर स्माइली कॉपी पर बनाएगा।

अब कौन इन कच्ची मिट्टी के मटकों को, हल्के हाथों की थाप देकर सुदृढ़,सक्षम और कमाऊ बनाएगा।

जितना आदरणीय अपराजिता मेम और आदरणीय संदीप सर ने हमें सिखलाया है।
अब कौन हमें सिखलाएगा।

जब स्कूल में आपके ऑफिस के बाहर से आते – जाते याद आओगे आप…………..

तो कौन हमें अब दिलासा देकर समझाएगा।

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