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27 Jan 2023 · 1 min read

शांत मन भाव से बैठा हुआ है बावरिया

शांत मन भाव से बैठा हुआ है बावरिया,
यादों के हर पल से खोज रहा जोगनिया ।

सूर्य ने ओढ़ रखा है धुंध की सफ़ेद चादर,
कड़कती ठण्ड में बारिशों ने ली आहट ।

आती जाती साँसें धड़कनो के संग बैठ,
ख़ामोशी से सुनती कदमों के बजने को।

शीतल लहर पवन की खीचती है चादर,
एहसास गले लगाने की अलाव-सी गर्मी।

हर सफर जीवन का बर्फ-सा ठहरा पानी,
निगाहें इन्तजार में पथरीली हुई आँखे ।

रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।

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