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24 Jan 2023 · 1 min read

वह कहां शिखर पाएगा

बह रहा जो श्रम नदी में ,
उसका किनारा आएगा |

निकला ही नहीं घर से ,
वह कहां शिखर पाएगा ||

कर्म प्रधान की भूमि रे
स्थान कहां यहां पाएगा |

आएगा जीवन में पल
रह कर चला जाएगा ||

कुछ ऐसा कर जाएगा
नाम जगत दौहराएगा |

वह शख्स दुनिया में
सदा अमर हो जाएगा ||

जीवन रूपी पतंग है
उड़ान अनंत पाएगा |

आसमान में उड़ने वाले
धरती पर तो आएगा ||

किस पर यूं गुमान करें
सब धरा रह जाएगा,

सत्कर्म व्यवहार भक्ति
यह ही साथ जाएगा.. |

मनुष्य का जीवन प्यारे
बार-बार नहीं पाएगा ||

कवि दीपक Saral

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