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22 Jan 2023 · 1 min read

पहली बार रेल में बैठे (बाल कविता )

पहली बार रेल में बैठे (बाल कविता )
______________________________
पहली बार रेल में बैठे
छुक-छुक गाड़ी प्यारी,
राजा बेटा बोले अब तो
इससे अपनी यारी

जाऊॅंगा स्कूल रेल से
वापस भी आऊंगा
जब तक रेल नहीं दोगे
स्कूल नहीं जाऊंगा

मम्मी बोलीं रेल नहीं
गलियों में आती- जाती
इतनी-सी यह बात समझ में
नहीं तुम्हें क्यों आती ?
________________________________
रचयिता:रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर( उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 761 5451

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