Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
20 Jan 2023 · 1 min read

सजल

सजल

हो गए पत्थर दिलों पर क्या असर होगा
रो न आँसू से न रेगिस्तान तर होगा ।

एक दिन तुम इस नदी से पार हो लोगे
आपदाओं से घिरा कब तक सफर होगा ।

दुख न कर तुम तोड़ लोगे चाँद, नभ-तारे
हौसला मजबूत जीवन में अगर होगा ।

सामने जो पीर का गहरा समुंदर है
डूबता गहराइयों में फिर शहर होगा ।

दूर हो कोई न दिल से फिर कभी अपना
काम कर हर एक पहलू कारगर होगा ।

तरसते हैं पेट भूखे आज भी कितने
कर भला सबका कभी खाली न घर होगा ।

मौसमी बन कर रहो सबके दिलों में तुम
रँग बिखरता देख लो चारों तरफ होगा ।

डा. सुनीता सिंह ‘सुधा ‘
वाराणसी

Loading...