Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2023 · 2 min read

मेघनाद ब्रम्हास्त्र कथा (चंपकमाला,भुजंगी,भुजंग प्रयात,छप्पय आदि छंद) द्वितीय किस्त

मेघनाद ब्रम्हास्त्र कथा
द्वितीय किस्त
**********************
कुण्डलिया छंद
दोहा +रोला
शंकर जी का ध्यान धर,भृगू लगाई टेर।
शिष्य आपका दशानन,मचा रहा अँधेर।

मचा रहा अँधेर,शिष्य को सबक सिखाओ।
आशुतोष दे दरश,हरष भृगु के मन लाओ।

सुनके भृगु की टेर,तुरत प्रगटे प्रलयंकर।
नैन सैन आशीष दिया है भोलेशंकर।********************
चंपकमाला 10
भगण,मगण,सगण गुरू
******************
पा रुखभोले शंकर जीका।
मोद मनाता ध्येय मुनी का ।

देख सही मौंका ललकारा।
झोंक अभी जोधा बल सारा।
*********
भुजंगी11वर्ण
3यगण 1लघु 1गुरू
नहीं कामना है मुझे जंग की।
सुहाती नहीं बात यों व्यंग्य की।

बिना बात की बात जूझें नहीं।
किसी से कभी पंथ बूझें नहीं।

दिखा लाल आँखे डराओमती।
रहोगे सदा ही जती के जती।

करें आपसे युद्ध में सामना ।
रहेगी अधूरी नहीं कामना।

भुजायें बड़ी शक्तिशाली जहाँ।
मिलेगी कभी हार भी ना वहाँ।
***********************
भुजंग प्रयात छंद 12
4 यगण
कभी जाय कैलाश मैंनेउठाया।
कभी देव जूझे लडें तो हराया।

कभी ना डरा मैं,अभी क्या
डरूँगा।
लड़ूँ द्वंद की नीत पूरी करूँगा।

झुका ना सके हैं मुझे चाँदतारे।
झुका ना सके हैं मुझे देवसारे।

लिया बांध मैंने शनीकाल को
भी।
मुझे ही झुकाने चले आप तो
भी।

बिना युद्ध के हार मानूँ नही मैं।
बिना तर्क के रार ठानूँ नहीं मैं।

कहाँ खो गए हो नहीं भ्राँति
पालो।
अरे श्रेष्ठ हूँ मैं अभी आज
मालो।
**********
छप्पय
बोले भृगुमुनि खूब,दियाअपना बल दरशा ।
जैसे गरजे मेघ,नहीं किंचित
जल बरसा।

फरसा फेकूं आप उठाकर उसको लाओ।
बिना लडें ही आज श्रेष्ठ जोधा कहलाओ ।

फिर विनय सहित भृगु शस्त्र
पर,
शिवजी दिये बिठाल हैं।
फेका लख सागर हट गया,
लेकर कई उछाल हैं।
2
भीड सुरों की लगी,भरा सागर का प्रांगण।
जोधा थे अनगिनत,देखने यह भीषण रण।

शिवजी के दो शिष्य,आपसी में टकराये ।
निर्णायक बन चतुर मुखी ब्रह्मा
भी आये।

नृप फरसा लेने को चला,करके घमंड सिर तानके।
हो चूर चूर क्षण मात्र में,घट आगे भगवान के।

गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
18/1/23

Language: Hindi
327 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

देहरीहीन दौर
देहरीहीन दौर
पूर्वार्थ
कहां चले गए तुम मुझे अकेला छोड़कर,
कहां चले गए तुम मुझे अकेला छोड़कर,
Jyoti Roshni
#शीर्षक:-नमन-वंदन सब करते चलो।
#शीर्षक:-नमन-वंदन सब करते चलो।
Pratibha Pandey
आई सावण तीज
आई सावण तीज
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
आदमी क्यों  खाने लगा हराम का
आदमी क्यों खाने लगा हराम का
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*** तस्वीर....!!! ***
*** तस्वीर....!!! ***
VEDANTA PATEL
दोहा पंचक. . . . .  अर्थ
दोहा पंचक. . . . . अर्थ
sushil sarna
Shankarlal Dwivedi passionately recites his poetry, with distinguished literary icons like Som Thakur and others gracing the stage in support
Shankarlal Dwivedi passionately recites his poetry, with distinguished literary icons like Som Thakur and others gracing the stage in support
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
मेरे फितरत में ही नहीं है
मेरे फितरत में ही नहीं है
नेताम आर सी
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
परोपकार
परोपकार
Roopali Sharma
प्रकृति के पाठ
प्रकृति के पाठ
Indu Nandal
*'नए क्षितिज' का दोहा विशेषांक*
*'नए क्षितिज' का दोहा विशेषांक*
Ravi Prakash
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
Manju Singh
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
शेखर सिंह
True love
True love
Bhawana ranga
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
Rj Anand Prajapati
तुमको खोकर
तुमको खोकर
Dr fauzia Naseem shad
तुम्हारे प्यार के खातिर सितम हर इक सहेंगे हम।
तुम्हारे प्यार के खातिर सितम हर इक सहेंगे हम।
सत्य कुमार प्रेमी
पंख गिरवी रख लिए
पंख गिरवी रख लिए
Dr. Rajeev Jain
तुम आए थे
तुम आए थे
हिमांशु Kulshrestha
अधूरी सी एक आस रह गई ।
अधूरी सी एक आस रह गई ।
विवेक दुबे "निश्चल"
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
अरविंद पासवान की कविताओं में दलित अनुभूति// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
हिंदी साहित्य के छायावाद के स्तंभों में से एक, महान व्यक्तित
हिंदी साहित्य के छायावाद के स्तंभों में से एक, महान व्यक्तित
Anamika Tiwari 'annpurna '
हे कान्हा
हे कान्हा
कृष्णकांत गुर्जर
" ज्ञान "
Dr. Kishan tandon kranti
■ एक वीडियो के साथ तमाम लिंक।
■ एक वीडियो के साथ तमाम लिंक।
*प्रणय प्रभात*
आसमान का टुकड़ा भी
आसमान का टुकड़ा भी
Chitra Bisht
#ਚਾਹਤ
#ਚਾਹਤ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जीवन नैया
जीवन नैया
शशि कांत श्रीवास्तव
Loading...