गणतंत्र दिवस

पावन छब्बिस जनवरी ,उन्निस सौ पाचास।
संविधान लागू हुआ, सबकी पूरण आस।
सब की पूरण आस,शुचि गणतंत्र को मानो।
लिंग भेद ना जाति ,बराबर सबको ंजानो।ं
सबका है सम्मान, हमेशा सबका सावन।
देश प्रगति की राह ,विधान लिखा अति पावन।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम