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14 Jan 2023 · 1 min read

औकात जानता है

सुबह – दोपहर – शाम,दिन रात जानता है
कही – अनकही हर एक बात जानता है
तुम महज उड़ रहे हो… ये तुम्हे भी इल्म रहे,
वैसे खुदा तुम्हारी भी औकात जानता है
– सिद्धार्थ गोरखपुरी

Language: Hindi
1 Like · 175 Views
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