*घोर प्रदूषण-मार (दोहा-मुक्तक)*

घोर प्रदूषण-मार (दोहा-मुक्तक)
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सभी जगह पर दीखती, घोर प्रदूषण-मार
क्या पर्वत-मैदान क्या, दूषित सब संसार
नगर पुरातन धॅंस रहे, नए नगर बेचैन
प्रगति-विषैली ने डॅंसा, जीवन का आधार
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451