Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2023 · 1 min read

हमको मालूम है

चलती सांसों का सिलसिला तू है ।
हमको मालूम है कि ज़िंदगी तू है ।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
10 Likes · 213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

*परिचय*
*परिचय*
Pratibha Pandey
Love love and love
Love love and love
Aditya Prakash
दर्शन एवं विज्ञान (Philosophy and Science)
दर्शन एवं विज्ञान (Philosophy and Science)
Acharya Shilak Ram
1)“काग़ज़ के कोरे पन्ने चूमती कलम”
1)“काग़ज़ के कोरे पन्ने चूमती कलम”
Sapna Arora
जिंदगी
जिंदगी
अखिलेश 'अखिल'
भगवान ने कुम्हार को बनाया,
भगवान ने कुम्हार को बनाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कदम बढ़ाओ साथ खड़े हैं,कहने वाले मुंह फेरे खड़े हैं।
कदम बढ़ाओ साथ खड़े हैं,कहने वाले मुंह फेरे खड़े हैं।
Madhu Gupta "अपराजिता"
सजी सारी अवध नगरी
सजी सारी अवध नगरी
Rita Singh
अब डिजिटल की ओर
अब डिजिटल की ओर
Buddha Prakash
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
वो लुका-छिपी वो दहकता प्यार—
Shreedhar
यक्षिणी-14
यक्षिणी-14
Dr MusafiR BaithA
*एक मां की कलम से*
*एक मां की कलम से*
Dr. Priya Gupta
गर्दिश-ए-अय्याम
गर्दिश-ए-अय्याम
Shyam Sundar Subramanian
मानसिक तनाव
मानसिक तनाव
Sunil Maheshwari
थोड़ा हल्के में
थोड़ा हल्के में
Shekhar Deshmukh
" जल "
Dr. Kishan tandon kranti
अस्त-व्यस्त सी सलवटें, बिखरे-बिखरे बाल।
अस्त-व्यस्त सी सलवटें, बिखरे-बिखरे बाल।
sushil sarna
*आदर्श कॉलोनी की रामलीला*
*आदर्श कॉलोनी की रामलीला*
Ravi Prakash
ग़ज़ल- रोज़ बीवी लड़े पड़ोसन से
ग़ज़ल- रोज़ बीवी लड़े पड़ोसन से
आकाश महेशपुरी
बदनाम
बदनाम
Deepesh Dwivedi
प्रश्न मुझसे किसलिए?
प्रश्न मुझसे किसलिए?
Abhishek Soni
एहसास ए तपिश क्या होती है
एहसास ए तपिश क्या होती है
Shweta Soni
बाहर हवा चल रही है, पर ये कह नही सकते कि हवा बुरा मान जाएगी
बाहर हवा चल रही है, पर ये कह नही सकते कि हवा बुरा मान जाएगी
Jitendra kumar
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
हमारा जन्मदिवस - राधे-राधे
Seema gupta,Alwar
दोहा - कहें सुधीर कविराय
दोहा - कहें सुधीर कविराय
Sudhir srivastava
नम्रता पर दोहे
नम्रता पर दोहे
sushil sharma
नज़्म
नज़्म
Neelofar Khan
789WIN
789WIN
789WIN
रचना
रचना
Mukesh Kumar Rishi Verma
मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है
मोहब्बत का यहाँ पर वो फ़साना छोड़ जाता है
अंसार एटवी
Loading...