हर किसी के पास हो घर

हर किसी के पास हो घर, कोई नहीं हो बेघर।
चाहे गरीब हो या अनाथ,लेकिन नहीं हो बेघर।।
हर किसी के पास हो घर—————–।।
घर नहीं है जिनके पास, हाल उसका यह होता है।
होता नहीं उसका सम्मान, वह गुलाम ही होता है।।
नहीं हो अपमान किसी का, कारण हो जिसका घर।
हर किसी के पास हो घर—————–।।
जिसके पास अपना घर है, कहते हैं उसको धनवान।
कहते हैं खुशहाल उसको ,करते हैं उसका गुणगान।।
दर- दर को भटकता नहीं है, जिसके पास भी है घर।
हर किसी के पास हो घर—————-।।
होता है घर एक मंदिर, सबको सुरक्षा मिलती है।
होते हैं सपनें साकार,सबको खुशियां मिलती है।।
मिलता है सुख और चैन,अपना हो यदि कोई घर।
हर किसी के पास हो घर—————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)