घर आवाज़ लगाता है

घर आवाज़ लगाता है।
कब से तुम्हें बुलाता है।…….तुम लौट आओ।
सूना है मेरा घर अंगना,
कैसे अब सजूं सजना,
दिल रह रह सताता है ……तुम लौट आओ।
मां राह हमेशा तकती है
आंखें न कभी थकतीं है
तेरा साया साथ लहराता है……. तुम लौट आओ
मुन्नी पापा को याद करें
मेरे आगे नया सवाल धरे
सर मेरा चकराता है……..तुम लौट आओ।
सुरिंदर कौर