साठ साल की आयु हुई तो (हिंदी गजल/ गीतिका)

साठ साल की आयु हुई तो (हिंदी गजल/ गीतिका)
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साठ साल की आयु हुई तो, नित-नित बढ़ने प्यार लगा
रोज प्यार की नई – नई, परिभाषा पढ़ने प्यार लगा (1)
पत्नी घुटनों की मरीज थी, कब जीना चढ़ पाती
भरी बाल्टी ले कपड़ों की, पति का चढ़ने प्यार लगा (2)
हाथों में कब हाथ डाल, बाजारों में निकले थे
नया व्याकरण दो बूढ़ों का, देखो गढ़ने प्यार लगा (3)
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 9997615451