Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Jan 2023 · 1 min read

*जब साठ साल के हुए 【गीत】*

जब साठ साल के हुए 【गीत】
■■■■■■■■■■■■■■■
जब साठ साल के हुए, हमारा बढ़ने प्यार लगा
(1)
दोनों घुटनों के मरीज हैं, कब जीना चढ़ पाते
हाथों में पर हाथ डालकर बाजारों में जाते
खटपट यूँ तो बढ़ी, किंतु अंतर्मन मस्ती गाता
बिना एक दूजे के क्षण-भर बिल्कुल नहीं सुहाता
अब नया व्याकरण, हम दोनों का गढ़ने प्यार लगा
(2)
आया था यमदूत, पाश ले जाने किसे पकड़ने
“पहले मुझको जाना,” कहकर दोनों लगे झगड़ने
हमसे पहले कहीं हमारा साथी चला न जाए
डरते थे हम दोनों, यह दुर्भाग्य न हर्गिज आए
परिभाषा यों रोज, प्यार की पढ़ने प्यार लगा
जब साठ साल के हुए, हमारा बढ़ने प्यार लगा
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

समस्या विकट नहीं है लेकिन
समस्या विकट नहीं है लेकिन
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
*मस्ती बसती है वहॉं, मन बालक का रूप (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
लूट पाट कर  ले गए,  मेरा वे घर बार  ।
लूट पाट कर ले गए, मेरा वे घर बार ।
RAMESH SHARMA
भेद नहीं ये प्रकृति करती
भेद नहीं ये प्रकृति करती
Buddha Prakash
चांदनी भी बहुत इतराती है
चांदनी भी बहुत इतराती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तोड़ सको तो तोड़ दो,
तोड़ सको तो तोड़ दो,
sushil sarna
"सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं ....
Atul "Krishn"
दगा बाज़ आसूं
दगा बाज़ आसूं
Surya Barman
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
Paras Nath Jha
जिंदगी गुज़र जाती हैं
जिंदगी गुज़र जाती हैं
Neeraj Kumar Agarwal
प्रेमी
प्रेमी
विशाल शुक्ल
कौन करें
कौन करें
Kunal Kanth
"विजयादशमी"
Shashi kala vyas
प्राकृतिक जब ठहर जाती है।
प्राकृतिक जब ठहर जाती है।
Rj Anand Prajapati
*रंगों का कारोबार*
*रंगों का कारोबार*
Shashank Mishra
मन दुखित है अंदर से...
मन दुखित है अंदर से...
Ajit Kumar "Karn"
- जिंदगी हर बार मौका नही देती -
- जिंदगी हर बार मौका नही देती -
bharat gehlot
वीर गाथा - डी के निवातिया
वीर गाथा - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
So who's your competition ?
So who's your competition ?
पूर्वार्थ देव
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
लोगों को और कब तलक उल्लू बनाओगे?
Abhishek Soni
जो नभ को कण समझता है,
जो नभ को कण समझता है,
Bindesh kumar jha
पल भर की दोस्ती
पल भर की दोस्ती
Juhi Grover
सूख कर कौन यहां खास ,काँटा हुआ है...
सूख कर कौन यहां खास ,काँटा हुआ है...
sushil yadav
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
gurudeenverma198
आपणौ धुम्बड़िया❤️
आपणौ धुम्बड़िया❤️
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
स्वार्थी मनुष्य (लंबी कविता)
स्वार्थी मनुष्य (लंबी कविता)
SURYA PRAKASH SHARMA
"फर्क"
Dr. Kishan tandon kranti
🌹गुलाब देने से अगर मोहब्बत...
🌹गुलाब देने से अगर मोहब्बत...
Vishal Prajapati
मैं कोशिशों पर बार -बार लिखता हूँ ! मैं दोस्तों पर ऐतबार लिखता हूँ !
मैं कोशिशों पर बार -बार लिखता हूँ ! मैं दोस्तों पर ऐतबार लिखता हूँ !
Ravi Betulwala
..
..
*प्रणय प्रभात*
Loading...