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25 Dec 2022 · 1 min read

मधुर मुलाकात

***** मधुर-मुलाकात ****
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सितारों से भरी बारात थी,
चाँदनी से खिली वो रात थी।

दर्द ए जुदाई अधूरी जुस्तजू,
आँसओं की हुई बरसात थी।

नयनों से नयन जब मिल गए,
कुछ भी तो न हुई बात थी।

आँखों मे छायी थी मस्तियाँ,
प्यारी सी मधुर मुलाकात थी।

मनसीरत वो कली खिल गई,
खुशियों से भरपूर सौगात थी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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