Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
22 Dec 2022 · 1 min read

मेरे पास है (हिंदी गजल/गीतिका)

मेरे पास है (हिंदी गजल/गीतिका)
******************************
फेसबुक का दोस्त मेरे पास है
जिंदगी में बस यही आभास है (1)

वह तरक्की भी भला किस काम की
उच्च मूल्यों का जहाँ पर ह्रास है(2)

लोग कहते हैं सभी अब भ्रष्ट हैं
मेरा मगर इस पर नहीं विश्वास है (3)

दुनिया बदलने के लिए मैं चल पड़ा
और पहला लक्ष्य निज आवास है(4)

दावतों के जश्न में जो हँस रहा
आदमी भीतर से घोर उदास है(5)

सादगी से शादियाँ अब कीजिए
राय आती कब किसी को रास है(6)

कम पढ़े बच्चों की महॅंगी शादियाँ
कैसे कहूँ सच्चा कि यह उल्लास है(7)
———————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999 7615 451

Loading...