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12 Dec 2022 · 1 min read

सच्ची मोहब्बतें कहां पैसों का खेल है!

वो शख़्स यूं चला गया कितना अज़ीब था,
वो जो भी था जैसा भी था दिल के करीब था

उसको मोहब्बतें मिलीं मेरी ही ओर से,
मुझको मिली या न मिलीं मेरा नसीब था

सच्ची मोहब्बतें कहां पैसों का खेल है,
जो शख़्स बेवफ़ा हुआ घर से ग़रीब था

उसका तो एक शौक़ है दिलों से खेलना,
मेरी यही कमी रही मैं दिल का मरीज़ था

वो चाहता तो मैं रोक सकता था उसे,
मैं चाहकर भी रोक न सका वो बदनसीब था!!
— अशांजल यादव । @ashanjalyadav

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