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11 Dec 2022 · 1 min read

जिसमें सिमट जाती हैं

जिसमें सिमट जाती है दुनिया ही हमारी ।
आंखों के वही ख़्वाब हक़ीक़त नहीं होते ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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