Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
12 Dec 2022 · 1 min read

नैतिक मूल्य

नैतिक मूल्य
हमारे समाज व संस्कृति का
एक प्रतिमान हैं ।
ये हमें जीवन जीने के ढंग
तो सिखाते ही हैं ।
इस समाज में जीवनयापन
सहज बनाते हैं ।
सोंचों अगर ये प्रतिमान न हों
तो हमारा समाज कैसा होगा?
निरंकुश, स्वच्छन्द, अराजक
गहरे दूर तक सोंच कर देखो
क्या झ्न स्थितियों में
जीवन सहज हो पाता ?
निश्चय कभी-कभी
हमारे ये मूल्य, ये प्रतिमान
मानवीय नही यांत्रिक लगते हैं
बहुत कुछ छीन लेते हमसे
किन्तु जब हिसाब लगाओगे
तो छीनने से कई गुना अधिक
वो हमें दे जाते हैं।
वैश्वीकरण की इस दौड़ में
अनेक सभ्यताओं, संस्कृतियों
से परिचय
हमें स्वमूल्यों के उन्मुखीकरण
को प्रेरित करता हे।
बस हमें स्वविवेक से
श्रेष्ठ ग्राह्य मूल्य ही
स्व संस्कृति में
समावेशित कर लेने है।
किन्तु अपनी
संस्कृति व मूल्य का
आधार साथ रखना है ।
यही मूलमंत्र
वैश्विक परिदृश्य में
हमें हमारी संस्कृति को
श्रेष्ठ सोपान दिलाएगा।

Loading...