Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
8 Dec 2022 · 1 min read

भारती के बेटो ( माधव मालती छंद)

भारती के बेटो ÷
माधवमालती छंद
2122,2122,2122,
2122 कुल 28 मात्राएँ
14/14/पर यति।
*****************
चाहते हो भारती के ,
मान को जग, में बढ़ाना ।
तो सभी को एकता का,
पाठ संयम, से पढ़ाना।

मान जायें प्रेम से तो,
कंठ से हँस कर लगाना।
खुद जियो वा और को भी,
जिंदगी का पथ दिखाना।

पर अगर मग में तुम्हारे
जानकर जो शूल बोये ।
तो उसे न फूल बनना ।
भूल कर रहना न सोये।।

यह धरा बलिदान वाली,
खून देने से बचेगी ।
शांत जो बैठे रहे तो ,
हाय तोबा ही मचेगी।

छोड़ दो सब मोह बंधन,
हाथ में तलवार ले लो ।
सामने वैरी खडा है ,
खून वाला खेल खेलो।

फाड़ दो सीना गरज के,
काट दो सिर रिपु खडग से।
वीरता में तुम निराले,
आज दीखो सारे जग से।

दे रही आशीष तुमको,
युद्ध जीतो मात गंगा ।
शान से फहरे गगन में,
झुक नहीं पाये तिरंगा।

गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
8/12/22

Loading...