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3 Dec 2022 · 1 min read

जवाब दे न सके

ख़्वाब थे,ख्वाब रहे, कुछ ख्वाब आंखों के।
जवाब दे न सके, ज़िन्दगी तेरे सवालों के ॥

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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