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25 Nov 2022 · 1 min read

★उसकी यादें ★

यादें उसकी हवा में धीरे-धीरे उड़ रही थीं। मेरी जिंदगी हर मोड़ पर ना जाने क्यों मुड़ रही थी। ना चाहते हुए भी मैं उसे ना रोक सका । क्योंकि वो ऊंचे बादलों में अकेले उड़ रही थी । मेरे सीने में धड़कनें तो चल रही थीं बेशक। मगर मेरे जिस्म से सांसे यूं ही बिछड़ रही थीं। और मैं यूं ही देख रहा था उन हसीन घटाओं को जो अपने पनघट से यूं ही बिछड़ रही थी। अरे सांसे तो दूर की बात हैं कमल अब तो धड़कनें भी जिस्म से झगड़ रही थीं। और मैं उनसे अब लड़ता भी नहीं था वह इस बात पे भी लड़ रही थीं ।और मैं करता तो क्या करता क्योंकि मेरी जिंदगी ही ना जाने हर मोड़ पर क्यों मुड़ रही थी।।
★IPS KAMAL THAKUR ★

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