Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Nov 2022 · 1 min read

हर लम्हा तुम्हें

यादों में तुम्हें इतना
महफ़ूज़ किया है ।
हर लम्हा तुम्हें हमनें
महसूस किया है ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
9 Likes · 219 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

शीश झुकाएं
शीश झुकाएं
surenderpal vaidya
अर्धांगिन ( शीर्षक )
अर्धांगिन ( शीर्षक )
Varun Singh Gautam
मेरी सूरत हो
मेरी सूरत हो
Sumangal Singh Sikarwar
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
शिक्षा का अब अर्थ है,
शिक्षा का अब अर्थ है,
sushil sarna
"मैं आज़ाद हो गया"
Lohit Tamta
रावण, तुम अमर कैसे हो गये
रावण, तुम अमर कैसे हो गये
Chitra Bisht
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
जीने दो मुझे अपने वसूलों पर
goutam shaw
होलीकोत्सव
होलीकोत्सव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
कारगिल विजय दिवस
कारगिल विजय दिवस
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"उम्मीद की किरण" (Ray of Hope):
Dhananjay Kumar
एक थी गंगा
एक थी गंगा
डॉ. श्री रमण
कुछ परिंदें।
कुछ परिंदें।
Taj Mohammad
"यात्रा पर निकलते समय, उन लोगों से सलाह न लें जिन्होंने कभी
पूर्वार्थ
साक्षात्कार- पीयूष गोयल-१७ पुस्तकों को हाथ से लिखने वाले
साक्षात्कार- पीयूष गोयल-१७ पुस्तकों को हाथ से लिखने वाले
Piyush Goel
"शिक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
*
*"ब्रम्हचारिणी माँ"*
Shashi kala vyas
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
लोग कहते है तुम मोहब्बत में हारे हुवे , वो लोग हो !
Surya Barman
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
रास्तों पर नुकीले पत्थर भी हैं
Atul "Krishn"
कुछ सवालात
कुछ सवालात
Shyam Sundar Subramanian
भोली चिरइया आसमा के आंगन में,
भोली चिरइया आसमा के आंगन में,
पूर्वार्थ देव
-कलयुग में सब मिलावटी है -
-कलयुग में सब मिलावटी है -
bharat gehlot
मैं क्या जानूं क्या होता है किसी एक  के प्यार में
मैं क्या जानूं क्या होता है किसी एक के प्यार में
Manoj Mahato
😊
😊
*प्रणय प्रभात*
अनकहे अल्फाज़
अनकहे अल्फाज़
Karuna Bhalla
হরির গান
হরির গান
Arghyadeep Chakraborty
*प्रभो हमें दो वह साहस हम, विजय दुष्ट पर पाऍं (गीत)*
*प्रभो हमें दो वह साहस हम, विजय दुष्ट पर पाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
दीवाना - सा लगता है
दीवाना - सा लगता है
Madhuyanka Raj
ख़ामोशी यूं कुछ कह रही थी मेरे कान में,
ख़ामोशी यूं कुछ कह रही थी मेरे कान में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नववर्ष की खुशियां
नववर्ष की खुशियां
Sudhir srivastava
Loading...