*बनाए जो विविध मौसम, नएपन की निशानी है (मुक्तक)*

बनाए जो विविध मौसम, नएपन की निशानी है (मुक्तक)
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नयेपन में निहित जीवन,नयेपन में रवानी है
नया सूरज उगा हर दिन, नई हर दिन कहानी है
पुरातन विश्व में सब ऊब जाते एक-सी ऋतु से
बनाए जो विविध मौसम, नएपन की निशानी है
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451