*जहॉं उत्कर्ष भारत का, हमारा गान हो जाए (मुक्तक)*

जहॉं उत्कर्ष भारत का, हमारा गान हो जाए (मुक्तक)
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विचारों में हमारी एकता का भान हो जाए
हमें इस देश पर अपने परम अभिमान हो जाए
हमें मालूम हो अपने विगत इतिहास का गौरव
जहॉं उत्कर्ष भारत का, हमारा गान हो जाए
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451