Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2022 · 1 min read

चोरी चोरी जब नजरें मिली

चोरी-चोरी जब नजरें मिली
**********************

चोरी-चोरी जब नजरें मिली।
तन-बदन मे थी आग लगी।

खिला दिल का कोना-कोना,
पिया मिलन की आस जगी।

यौवन की रुत बड़ी हरी-भरी,
प्यासे मन की प्यास बढ़ी।

चाँद सा मुखड़ा क्या कहने,
अंग-अंग में खलबली मची।

मुंगेरी लाल के हसीन सपने,
धड़कनों की तीव्र गति बढ़ी।

मनसीरत ने खोई सुध बुद्ध,
नयनों से थी की गोली चली।
**********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
Tag: गीत
146 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

*आम आदमी क्या कर लेगा, जब चाहे दुत्कारो (मुक्तक)*
*आम आदमी क्या कर लेगा, जब चाहे दुत्कारो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
नदी की बूंद
नदी की बूंद
Sanjay ' शून्य'
एक चुभन है एक बेचैनी
एक चुभन है एक बेचैनी
लक्ष्मी सिंह
अब हर्ज़ क्या है पास आने में
अब हर्ज़ क्या है पास आने में
Ajay Mishra
🍁यादों का कोहरा🍁
🍁यादों का कोहरा🍁
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
चाय!
चाय!
Kanchan Alok Malu
बाण मां सूं अरदास
बाण मां सूं अरदास
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
कलाकार
कलाकार
Shriyansh Gupta
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
अपनेपन की आढ़ में,
अपनेपन की आढ़ में,
sushil sarna
उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है।
उदासीनता के शिखर श्रेष्ठ ने, यूँ हीं तो नहीं अपनाया है।
Manisha Manjari
तुम सा नही...!
तुम सा नही...!
Raghuvir GS Jatav
आशियाना
आशियाना
Uttirna Dhar
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
भारी पहाड़ सा बोझ कुछ हल्का हो जाए
शेखर सिंह
इस क़दर उलझे हुए हैं अपनी नई ज़िंदगी से,
इस क़दर उलझे हुए हैं अपनी नई ज़िंदगी से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
..
..
*प्रणय प्रभात*
भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार
Poonam Sharma
सत्य एक श्री राम
सत्य एक श्री राम
Rajesh Kumar Kaurav
"उठो-जागो"
Dr. Kishan tandon kranti
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
एक गीत सुनाना मैं चाहूं
C S Santoshi
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
तुझसे शिकवा नहीं, शिकायत हम क्या करते।
तुझसे शिकवा नहीं, शिकायत हम क्या करते।
श्याम सांवरा
सपने थे आंखो में कई।
सपने थे आंखो में कई।
Rj Anand Prajapati
हिंदी साहित्य की नई : सजल
हिंदी साहित्य की नई : सजल
Sushila joshi
इस बार माधव नहीं है साथ !
इस बार माधव नहीं है साथ !
सुशील कुमार 'नवीन'
बेचारे नेता
बेचारे नेता
गुमनाम 'बाबा'
मोर मुकुट संग होली
मोर मुकुट संग होली
Dinesh Kumar Gangwar
बुद्ध और अंगुलिमान
बुद्ध और अंगुलिमान
अमित कुमार
तेरा वादा.
तेरा वादा.
Heera S
होकर उल्लू पर सवार।
होकर उल्लू पर सवार।
Pratibha Pandey
Loading...