Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Oct 2022 · 1 min read

उम्र का दौर निकलता जा रहा है

उम्र का दौर निकलता जा रहा है
हम अकेले है
अकेले ही वक्त फिसलता जा रहा है
जो अपने थे अब वो पराए हो गए है
हर कोई गिरगिट की तरह रंग बदलता जा रहा है
उम्र का दौर निकलता जा रहा है
हम कल भी अकेले थे
आज भी अकेले है
जमाने के दस्तूर से अब दिल निकलता जा रहा है
हम अकेले थे
अकेले ही वक्त फिसलता जा रहा है
उम्र का दौर निकलता जा रहा है

Language: Hindi
150 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कृषक की उपज
कृषक की उपज
Praveen Sain
ये ज़िंदगी भी अजीब है यारों!
ये ज़िंदगी भी अजीब है यारों!
Ajit Kumar "Karn"
पड़ताल
पड़ताल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
वापिस जीवन न मिलना है ,जितना जीयो भरपूर पियो
वापिस जीवन न मिलना है ,जितना जीयो भरपूर पियो
कविराज नमन तन्हा
प्रदूषण रुपी खर-दूषण
प्रदूषण रुपी खर-दूषण
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
Ravikesh Jha
4275.💐 *पूर्णिका* 💐
4275.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
🙅राष्ट्र-हित में🙅
🙅राष्ट्र-हित में🙅
*प्रणय प्रभात*
श्रम बनाम भ्रम
श्रम बनाम भ्रम
Jyoti Pathak
कमी ना थी
कमी ना थी
राकेश पाठक कठारा
मेरी दुआ है तुझे किसी की बद्दुआ न लगे।
मेरी दुआ है तुझे किसी की बद्दुआ न लगे।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
नेता जी को याद आ रहा फिर से टिकट दोबारा- हास्य व्यंग्य रचनाकार अरविंद भारद्वाज
नेता जी को याद आ रहा फिर से टिकट दोबारा- हास्य व्यंग्य रचनाकार अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
आज के समय में हर व्यक्ति अपनी पहचान के लिए संघर्षशील है।
Annu Gurjar
कृषक
कृषक
D.N. Jha
*सुख-दुख के दोहे*
*सुख-दुख के दोहे*
Ravi Prakash
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
वो मेरी ज़िंदगी से कुछ ऐसे ग़ुजर गया
Anis Shah
खुश्क दरिया में उतर जाना है
खुश्क दरिया में उतर जाना है
अरशद रसूल बदायूंनी
अद्वितीय प्रकृति
अद्वितीय प्रकृति
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
उजले ख्वाब।
उजले ख्वाब।
Taj Mohammad
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
जागो जागो तुम,अपने अधिकारों के लिए
gurudeenverma198
तेरे अल्फ़ाज़ों में वो सच्चाई नहीं,
तेरे अल्फ़ाज़ों में वो सच्चाई नहीं,
श्याम सांवरा
पूज के देवी ने,देवी को फिर देवी को पाया है ,
पूज के देवी ने,देवी को फिर देवी को पाया है ,
jyoti jwala
बेटी दिवस पर कुछ हायकू :
बेटी दिवस पर कुछ हायकू :
sushil sarna
When you start a relationship you commit:
When you start a relationship you commit:
पूर्वार्थ
अपने दिल से
अपने दिल से
Dr fauzia Naseem shad
हो रही रस्में पुरानी क्यों नहीं कुछ लिख रहे हो।
हो रही रस्में पुरानी क्यों नहीं कुछ लिख रहे हो।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
किस तिजोरी की चाबी चाहिए
किस तिजोरी की चाबी चाहिए
भरत कुमार सोलंकी
मुहब्बत भी इक जरूरत है ज़िंदगी की,
मुहब्बत भी इक जरूरत है ज़िंदगी की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम भी तो देखे
हम भी तो देखे
हिमांशु Kulshrestha
मतलब
मतलब
Iamalpu9492
Loading...