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15 Oct 2022 · 2 min read

नेपथ्य के नायक: कर्मवीर पासवान।

नेपथ्य के नायक : कर्मवीर पासवान।
एम पी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, सीतामढ़ी से सेवानिवृत्त प्राचार्य मान्यवर कर्मवीर पासवान दलित बंचित समाज के लोग के हितचिंतक आ मार्गदर्शक रहथिन।हुनकर विचार आइयो प्रासंगिक हए।वो यथार्थ रुप सं कर्मवीर रहलन।
मान्यवर कर्मवीर पासवान के जन्म वैशाली जिला अन्तर्गत इव्राहिमपुर गांव मे एगो निर्धन परिवार मे भेल रहे। स्नातक कैला के बाद सिंचाई विभाग मे सहायक बन लन। इमानदार रहे के कारण सिंचाई विभाग के नौकरी त्याग देलन आ उच्च विद्यालय मे सहायक शिक्षक के नौकरी कैलन। प्रधानाध्यापक पद पर पदोन्नति उपरांत उच्च विद्यालय पड़री, परसौनी, सीतामढ़ी मे योगदान कैलन।हिनका विचार से विद्यार्थी, अभिभावक आ समाज प्रभावित होय लागल।बाद मे स्थानांतरण के बाद एम पी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मे प्राचार्य पद पर आसीन भेलन। शिक्षा विभाग पर हिनका विचार के जबरदस्त प्रभाव पड़ल। दलित,शोषित ,बंचित तबका हिनकर विचार के दिवाना बन गेल। वो माध्यमिक शिक्षक संघ आ बामसेफ के जिला अध्यक्ष रहलन।जिला के विभिन्न सामाजिक संगठन हिनकर अध्यक्षता में गोष्ठी करे लागल।हिनका सर्वदलीय राजनेता सम्मानित करे लागल।वो गरीब असहाय के मदद करे के सदैव तैयार रहथि।
एगो घटना जौं वो सीतामढ़ी नगर में रहे ला डेरा खोजे अयलन त हमरा हुनका भेंट भेल। बहुत मकान भाड़ेदार आजादी के साठ बर्ष बादो एगो उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य के दुसाध होय के कारण हुनका भाडा पर मकान न दए। इ चिंता आ बिषाद के कारण लागल। हम हुनका अप्पन आवास के बगल मे डेरा देबेलियन।लोग के जब मालूम भेल कि किरायेदार दुसाध हए त लोग हमरा कहे लागल कि अंहा भाड़ा दिया के ठीक न कैली हए।हम कहली कि अब वो जमाना न हए। किरायेदार एकटा नेक इंसान हए।देखब अंहा हिनकर हरबेर नाम लेब। कुछ दिन के बाद वो अप्पन सुमधुर व्यवहार से मुहल्ला मे लोकप्रिय भे गेलन।
मान्यवर कर्मवीर पासवान के दूटा बेटा हए।छोटका पंकज केशव उच्च माध्यमिक विद्यालय, भूतही सीतामढ़ी मे नियोजित शिक्षक हए आ बड़का किसान। बड़ी बहु कमला बालिका प्राथमिक विद्यालय, डुमरा में नियोजित शिक्षिका। विधवा पत्नी,बहु, पोता पोती से समृद्ध परिवार अप्पन निर्मित मकान, डुमरा आ अप्पन गांव में निवास करैत हए।
साल भर पहिले वो दुनिया से विदा भे गेलन। लेकिन हुनकर भातृत्व, कतृत्व आ विचार आइओ जिंदा हए।
-आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार सीतामढ़ी।

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