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14 Oct 2022 · 1 min read

लगइलू आग पानी में ghazal by Vinit Singh Shayar

उमर सोरह में लगइलू आग पानी में
और तबाही मचइलू जिंदगानी में

हँसेलु क के तू बरबाद लरिका के
मारबू कतना के चढ़ल जवानी में

बिजुरी से तोहर केहू ना बच पाए
रहेलू तू शायद एही पलानी में

महल शोहरत तोहर तोहरे मुबारक बा
जिनगी कटता इहवा दलानी में

लोग मुड़ मुड़ के तोहके देखे लागल
पहिर चल लू जब कुर्ती आसमानी में

राह रह रह के बदलल ठीक ना होला
आइल बा मोड़ फेर तोहर कहानी में

~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar

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